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DR. AISHWARY RAJ GUPTA

मस्तिष्क एवं मनोरोग विशेषज्ञ

About Us

संचेतना न्यूरोसाईकेट्री सैन्टर
DR. AISHWARY RAJ GUPTA
M.B.B.S.,M.D. (NEUROPSYCHIATRY)
(M.U.H.S.)
M.I.M.A., M.S.M.A.
CONSULTANT NEUROPSYCHIATIST
प्रमुख मानसिक बीमारियां व उनके लक्षण
 अवसाद ( डिप्रेशन ) (DEPRESSION)
मन का दु:खी रहना, काम में मन न लगना, नींद न आना, भूख न लगना, कमजोरी लगना, ना उम्मीद होना, आत्मग्लानि होना, सुबह फ्रेश महसूस न करना, मन में आत्महत्या के विचार आना, पहले जिन कार्यों में रुचि थी उनमें अरुचि हो जाना।
तनाव (एंग्जाइटी डिसऑर्डर)(ANXIETY)
अत्यधिक घबराहट बेचैनी होना, तनावग्रस्त परिस्थितियों का सामना कर पाने की हिम्मत न होना, बहुत पसाीना आना, हथेली पसीज जाना, माथे पर खिंचाव व भारीपन महसूस करना, सिरदर्द, याददाश्त में कमी, दिल की धड़कन तेज हो जाना, बहुत जल्दी गुस्सा हो जाना, अपनी बात ठीक से कह न पाना।
कनवर्जन डिसऑर्डर ( हिस्टीरिया )(CONVERSION DISORDER) 
अचानक बेहोश हो जाना, अचानक सांस की तकलीफ होना, सिर दर्द पेट दर्द बना रहना, अचानक आवाज चले जाना, अचानक दिखाई देना बंद हो जाना, अचानक सुनाई देना बंद हो जाना, अचानक पैरों की ताकत चली जाना, एक्सीडेंट ब्लड शव इत्यादि को देखकर तबियत खराब हो जाना,( यह लक्षण मुख्यत किशोरावस्था में किसी तनाव उत्पन्न करने वाली घटना के बाद होते हैं )
डिस्सोसिएटिव डिसऑर्डर (DISSOCIATIVE DISORDER)
जिसे लोग भूत प्रेत जिन्न-जिन्नात, किसी मरे हुए की आत्मा सवार हो जाना कहते हैं वह वास्तव में डिस्सोसिएटिव डिसऑर्डर नाम का मानसिक रोग होता है।
आब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर(O.C.D.)
 गंदगी से बहुत ज्यादा परेशानी, बार-बार या ज्यादा देर तक हाथ धोना, बाथरूम में बहुत ज्यादा समय लगाना, बार-बार ताला, गैस का रेगुलेटर कुंडी चेक करना, छोटी सी बात का दिमाग में घंटों घूमते रहना, ईश्वर के लिए मन में गलत विचार आना, विचारा आना कि अगर ऐसा नहीं किया तो मेरे प्रिय जनों के साथ अहित हो जाएगा, चीजों को मन में गिनते रहना
नशे की लत (ADDICTION)
तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, खैनी, शराब, बीयर, भांग, गांजा, चरस, स्मैक, अफीम, हीरोइन, गुलमन्जन का सेवन, पेट्रोल, सफेद स्याही,( व्हाइटनर इंक) सूँघना, खांसी का कोई विशेष सिरप या दर्द की कोई विशेष दवा का अत्यधिक सेवन (याद रखें शराब लत से ग्रसित व्यक्ति का अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करना बहुत सामान्य लक्षण है)
डेल्यूज़नल डिसऑर्डर
शरीर पर कीड़े रेंगने का एहसास होना
सेक्स सम्बन्धित समस्यायें(SEXUAL DISORDER)
सेक्स की इच्छा में कमी, समय से पूर्व वीर्य स्खलन हो जाना, पेशाब के साथ वीर्य का निकलना, लिंग में पर्याप्त तनाव में आना, व छोटापन, स्वपनदोष।
निंद्रा सम्बन्धित समस्यायें
(SLEEP DISORDER)
अनिद्रा, रात में नींद में आना, लेकिन दिन में ज्यादा नींद आना,( सर्केडियन रिदम डिसऑर्डर) बुरे या डरावने सपने आना, सोते में शरीर के अंग (जैसे पैर, हाथ) हिलाते रहना।
मेनिया (MANIA)
नींद का कम हो जाना, बहुत ज्यादा बोलने लगना, बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने लग जाना, बहुत खुश हो जाना, गाना गाने लग जाना, बहुत एनर्जी आ जाना, बहुत ज्यादा काम करने की कोशिश करना, बहुत ज्यादा गुस्सा करने लगना व मारपीट करने लगना, बहुत पैसे खर्च करने लगना, सेक्स की इच्छा बहुत बढ़ जाना।
फोबिया (PHOBIA)
किसी भी चीज से अत्यधिक डर लगना, जीव जंतुओ से, बंद जगह (जैसे लिफ्ट) में, भीड़-भाड़ की जगह से, ऊँचाई इत्यादि से
स्किजो़फ्रेनिया (SCHIZOPHRENIA)
अचानक मरीज का व्यवहार अजीब सा हो जाना, अजीब सी आवाजें सुनाई पड़ने लगना, अत्याधिक डर लगना, शक करने लगना कि लोग उसके बारे में बातें करते रहते हैं, अकेले में बुद बुदाते रहना, अकेले में मुस्कुराते रहना, अचानक चुपचाप अलग-अलग रहने लगना, खुशी के मौके पर खुशी और दुख के मौके पर दुख न महसूस करना, दिमाग का काम न करना
हाइपोकांन्डियासिस 
इस अनोखी बीमारी में मरीज सोचता है कि उसे कोई सीरियस बीमारी है जबकि सारी जांचे नॉर्मल आती है।
बॉडी डिसमार्फिक डिसऑर्डर
(BODY DYSMORPHIC DISORDER)
मरीज को लगता है कि उसके शरीर में कोई डिफेक्ट है जैसे उसकी नाक छोटी, लम्बी या टेढी़ है इत्यादि।
सोमैटिक सिस्टम डिसऑर्डर
(SOMATIC SYMPTOM DISORDER)
अगर सालों से शरीर में कोई तकलीफ हो खासकर पेट से संबंधित जो कि बहुत से इलाज से ठीक नहीं होती हो और जांचों में कुछ खास नहीं आया हो या ऑपरेशन हो चुका हो फिर भी आराम नहीं मिला हो तो इस रोग की संभावना होती है।
बालों को बार-बार तोड़ना ट्राइकोटेलो मेनिया
(TRICHOTILOMANIA)
सिर के बाल एवं भौंहे तोडते  रहना।
एपिलेप्सी (मिर्गी के दौरे)
मिर्गी का मुख्य लक्षण बार-बार दौरे पड़ना होता है। जैसे: बिना तापमान के एक आवेग, मेमोरी लोस होना, कुछ अंतराल पर बेहोश होना, थकावट होना, बिना कुछ कारण स्तम्भ रह जाना, बार-बार एक जैसा बर्ताव करना, अचानक से भयभीत हो जाना, सूँघने,छूने और सुनने की क्षमता में अचानक परिवर्तन होना।

वृद्धावस्था की समस्यायें

तीन मानसिक समस्याएं वृद्धावस्था में अत्यधिक पाई जाती है डिप्रेशन, डेमेन्शिया, एवं डेलेरियम। किंतु अधिकांशतय: नजरअंदाज कर दी जाती है।
बच्चों की समस्यायें
ADHD
(Altention Deficit Hyperkinetic Disorder)
बच्चे का अत्यधिक शरारती होना, हमेशा बहुत एनर्जी में रहकर इधर-उधर भागना, स्कूल में दोस्तों को परेशान करना, एक काम से ज्यादा देर तक मन न लगा पाना।
आटिस्म ( AUTISM )
चुपचाप अकेले रहना, अकेले एक प्रकार के खेल खेलना (खासकर पहिया वाले खिलौनों से), आंखें मिलाकर बात ना करना।
मंदबुद्धिता 
अपने उम्र के बच्चों की तुलना में सब कुछ देर से सीखना।
नाॅकटर्नल एन्यूरिज्म
( NOCTURNAL ENURESIS )
सोते में बिस्तर में पेशाब करना। 
कान्डक्ट डिसऑर्डर (CONDUCT)
ऐसे बच्चे जो अपने बिगड़ैल स्वभाव के कारण घर मोहल्ले एवं स्कूल में बदनाम रहते हैं, कहना नहीं मानते हैं, नियमों को तोड़ते हैं एवं बहुत जल्दी झगड़ा कर बैठते हैं।
कन्वर्जन रिएक्शन 
स्कूल जाने से पहले पेट दर्द, सिरदर्द, हड्डियों में दर्द की शिकायत करना इत्यादि।
इन्टरनेट एवं मोबाइल एडिक्शन
वीडियोगेम्स, इन्टरनेट एवं मोबाइल के अधिक प्रयोग को मानसिक समस्याओं की श्रेणी में रखा जाता है।
लर्निंग डिसऑर्डर (LEARNING DISORDER)
बुद्धि सामान्य होने के बावजूद पढ़ने व लिखने में परेशानी होना।
स्पीच डिसऑर्डर
(SPEECH DISORDER)
हकलाना/ तुतलाना।
समय:
प्रातः 10:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक
रविवार अवकाश

 

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Dr. Aishwary Raj Gupta

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